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राणा प्रताप: महाराणा प्रताप, मेवाड़ के महाराजा थे, जिन्होंने मुग़ल सम्राट अकबर के खिलाफ युद्ध किया और अपने राज्य की रक्षा की। उनकी वीरता और संघर्ष की कई प्रसिद्ध कहानियाँ हैं।
राणी पद्मिनी: महारानी पद्मिनी, चित्तौड़गढ़ की रानी थीं, और उनकी खूबसूरती और साहसिकता के कारण वे प्रसिद्ध हैं। उनकी कथा चित्तौड़गढ़ के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी के साथ हुई घटनाओं के बारे में है।
राणा कुम्भा: महाराणा कुम्भा, मेवाड़ के महाराजा थे और उन्होंने महान किला कुम्भलगढ़ का निर्माण किया था। उनके शासनकाल में मेवाड़ का गौरव बढ़ा।
महारावल रतन सिंह: महारावल रतन सिंह, मेवाड़ के राजा थे और उन्होंने मुग़ल सम्राट अकबर के साथ चित्तौड़गढ़ के बचाव के लिए संघर्ष किया।
चेतक विक्रमादित्य: चेतक विक्रमादित्य, मेवाड़ के राजा थे और उन्होंने अकबर के खिलाफ युद्ध किया। उनका नाम वीरता और साहस के लिए जाना जाता है।
पन्ना धाय: पन्ना धाय, महाराणा उदय सिंह की पत्नी थी और उन्होंने अपनी बेटी को उदय सिंह के पुत्र के रूप में पोषण किया था, जिससे चित्तौड़गढ़ की रक्षा हुई थी।
राव जोधा: राव जोधा, जोधपुर के संस्थापक थे और उन्होंने मेहरांगढ़ किला की नींव रखी थी।
राणी पनदी: राणी पनदी, मेवाड़ की रानी थी और उनका बड़पुर के महारावल प्रताप से प्यार और साहस का किस्सा प्रसिद्ध है।
ये केवल कुछ प्रमुख राजपूत किंवदंतियाँ हैं और राजपूत समाज के गौरवपूर्ण इतिहास और वीरता का प्रतीक हैं। इन किंवदंतियों और लीजेंड्स की कथाएँ आज भी राजपूत समाज में महत्वपूर्ण हैं और उन्हें गर्व से याद किया जाता है।